Last updated on February 15th, 2021 at 02:43 pm
Citizenship Amendment Act (CAA) यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम, NRC (National Register Of Citizen) के जैसा ही एक संशोधन अधिनियम हैं, जिसे अधिनियम 1955 के प्रावधानो के अन्तर्गत लाया गया है। इस अधिनियम के तहत हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रावधान है।
CLICK HERE to Download The Official PDF File of Citizenship Amendment Act 2019 and Read YourSelf:
WHAT IS CAA (Citizenship Amendment Act)?
जिस तरह बांग्लादेश से आये हुवे घुसपैठियों की पहचान करने के लिए NRC को लाया गया (हालाकि NRC अभी सिर्फ असम में ही लागू हुआ है) ठीक उसी तरह CAB यानी नागरिकता संशोधन बिल को भी हिंदू शरणार्थियों के लिए लाया गया है, जिसमें हिन्दू, बुद्धिस्ट्स, जैंस, सिख्स, पर्सिस और ईसाईयों को भी शामिल किया गया है।
ALSO READ : Manav Adhikar – 10 Laws And Rights | Human Rights
इस नागरिकता बिल के तहत, जितने भी भारत के ऐसे हिन्दू, बुद्धिस्ट्स, जैंस, सिख्स, पर्सिस और ईसाई धर्मो के सर्नाथी हैं, जो किसी हिंसा के कारण, या किसी भी अन्य कारणो से पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से वापस आकर भारत में बस गए हैं, उन्हें भारत के नागरिकता का अधिकार दिया जाएगा।
भले ही उनके पास पासपोर्ट या अन्य कोई दस्ता वेज हो या ना हो, लेकिन अगर वे साबित करते हैं कि वे लोग 31 दिसंबर 2014 के पहले से भारत में आए हैं, या पहले से रह रहे हैं तो उन्हें इस नागरिकता संशोधन बिल के तहत भारत के नागरिकता का अधिकार दिया जाएगा। नागरिकता संशोधन बिल को अब एक कानून बना दिया गया, जिसे अब नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत जना जायेगा, CAA (Citizenship Amendment Act)।
PLACES WHERE CAA (Citizenship Amendment Act) WILL NOT BE IMPLEMENTED?
Citizenship Amendment Act को पूर्वोत्तर के कुछ जगहों पे लागू नहीं किया गया है। असम के करबी आंगलोंग, मेघालय के गारो हिल्स, मिजोरम के चकमा और त्रिपुरा के कुछ जगहों में इस बिल को लागू नहीं किया गया है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, वह राज्य हैं, जो कि इन्नर लाइन परमिट के जरिए रेगुलेट होती है, इस लिए इस बिल से इन सब जगहों पे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा।
अगर इस बिल में हिन्दुओं के साथ बुद्घिस्ट्स, सिख्स, जैंस, पर्सिस और ईसाई को सामिल नहीं किया जाता तो आर्टिकल 14 का उलंघन हो जाता और ये बिल पास नहीं हो पाता। और साथ ही अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश, ये तीनों ही इस्लामिक देश है, इसलिए इस बिल में इस्लामिक धर्म को छोड़कर बाकी धर्मो को सामिल किया गया है।
Citizenship Amendment Bill (CAB) को पहली बार सन् 2016 में लोक सभा में लाया गया था, लेकिन ये बिल पास नहीं हो पाया था। अब अमित शाह (भारत के गृह मिनिस्टर) इस बिल को 2019 में फिर से लेकर आये। 9 दिसंबर को ये बिल लोक सभा में लाया गया, और बीजेपी ने इस बिल को लोक सभा में काफी आसानी से पास करा ली। उसके बाद 11 दिसंबर को राज्य सभा में इस बिल को सौंपा गया, राज्य सभा में भी बीजेपी ने इस बिल को आसानी से पास करा लिया।
WHAT IS THE PURPOSE OF CAA (Citizenship Amendment Act)?
दरअसल असम में जिस मकसद से NRC का प्रक्रिया लाया गया, वैसा हो नहीं पाया, क्यों की NRC के जरिए भारतीय सरकार उन बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना चाहती थी, जो अवैध तरीके से भारत में परिवेश किए हैं। पर जब NRC का फाइनल लिस्ट जारी हुआ, तो उसमे बांग्लादेश घुसपैठियों के साथ कई ऐसे हिन्दू परिवारों का भी नाम, NRC फाइनल लिस्ट में नहीं आया जो भारत के असल निवासी हैं।
अब भारतीय सरकार उन हिन्दू परिवारों का, जिनका नाम NRC के फाइनल लिस्ट में नहीं आया है, उन्हें घुसपैठियों साबित नहीं होने देना चाहती हैं, क्यों की ये हिन्दू धर्म के लोग है और हिंदुस्तान के असल निवासी है, भले ही किसी कारण इनका नाम NRC के फाइनल लिस्ट में नहीं आया, लेकिन ये हैं तो भारत के असल निवासी।
दूसरी बात अफ़ग़ानिस्तान,पाकिस्तान और बांग्लादेश, जो तीनों ही इस्लामिक देश है, इन तीनों ही इस्लामिक देशों में लगातार हिन्दू लोगो पे अत्याचार किया गया है, जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया गया है, हिन्दू लोगो को बहुत तरह से परेशान किया हैं, इन सब वजहों के कारण इन तीनों देशों मे हिन्दू लोगो की संख्या बहुत घट चुकी हैं। और कुछ हिन्दू बहुत पहले ही इन देश से आकर अपनी देश भारत में वश गए, लेकिन आज तक उन हिन्दुओं को उनका अधिकार नहीं मिला, वेह सब अभी भी नर्क की ज़िंदगी जी रहे हैं, और इस भरोसे में हैं कि किसी दिन उन्हें भी हर चीज का अधिकार दिया जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में जितना आज़ादी से घुसपैठिए रह रहे हैं, उतना आज़ादी तो भारतीय सर्नाथियो को भी नहीं मिल पाया है, जो कितने सालो पहले ही भारत में आए। अपने ही देश में बहुत कस्ट से जीना पर रहा है इन भारतीय सर्णाथियो को।
इसलिए Citizenship Amendment Bill (CAB) अगर पास हो जाता है, तो फिर इस बिल के तहत उन सभी हिन्दू परिवारों को, जिनका नाम NRC के फाइनल लिस्ट में नहीं आया है, वे सभी हिन्दू सर्नाथी जिनको अभी तक अपना हक नहीं मिल पाया, उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिल जाएगा और उनका नाम घुसपैठियों के लिस्ट से हट जाएगा। नागरिकता संशोधन बिल पूरी तरह से हिंदुओ के लिए हैं, इसमें मुस्लिम्स के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
WHY THE PEOPLE OF NORTH EAST PROTESTING AGAINST CAB OR CAA?
पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यो में इस Citizenship Amendment Act का आंदोलन हो रहा है, हालाकि पूर्वोत्तर के कई जगहों पर इस बिल को लागू नहीं किया गया है, फिर भी यहां के लोग इस बिल का आंदोलन कर रहे हैं। सबसे ज्यादा क्रूरता इस बिल को लेकर असम में देखी जा रही है। असम के कई जिलों गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, बोंगाईगांव में भारी मात्रा में लोग आंदोलन कर रहे हैं।
हर तरफ आग ही आग लगी हुई नजर आ रही हैं। हालात इतनी खराब हो चुकी हैं कि अब पुलिस भी केह रही हैं कि इसे संभालना उनकी वश में नहीं रही। बोंगाईगांव जिले की इस्थिती ओर भी खराब हो चुकी हैं, पिछले पांच दिनों तक यहां पर हरताल थी, जिसके कारण सभी चीज़ बंद परी हुई थी। इस हरताल के कारण गरीब लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई हैं, पर गरीब के बारे में सोचता ही कौन हैं।
असम के लोग Citizenship Amendment Act को इसलिए बहिष्कार कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि:
- असम में बहुत पहले से ही बहुत सारे बांग्लादेशी घुसपैठिए बसे हुवे हैं, जिसके कारण यहां की जनसंख्या काफी बढ़ चुकी हैं, और अब असम के लोग जनसंख्या बढ़ने नहीं देना चाहते यहां पे।
- इन बढ़ते जनसंख्या के कारण, असम के लोगों की अपनी भाषा, पहचान, रीति रिवाज, दब कर रह गई है।
- बढ़ते जनसंख्या के कारण, यहां के स्थानीय लोगों को जल्दी किसी भी सरकारी विभाग में रोगजार मिलने में दिक्कत होती रही हैं।
READ MORE : About Citizenship Amendment Act (CAA) on WikiPedia
Liked Our Post ? Please Share To The World..
Sharing is Caring…
Bill KO thik se jarur padhe
Yeah please read nicely…