Last updated on August 7th, 2020 at 08:23 am
ये बात तो सभी लोगों को पता है कि हमारे भारतीय संविधान में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं। पर इन 6 मौलिक अधिकार के अंतर्गत कुछ ऐसे भी MANAV ADHIKAR हैं जो हर एक साधारण व्यक्ति को मिले हुवे हैं, लेकिन अधिकतर लोगों को इस बारे में पता नहीं है।
आप इन सभी अधिकारो को जान कर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं, और अगर आपको ऐसा करने से कोई रोकता हैं तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं MANAV ADHIKAR के अंतर्गत आने वाले ऐसे ही 10 laws and rights के बारे में।
आप चाहे तो इस वीडियो को भी देख के इन सभी MANAV ADHIKAR के बारे में जान सकते हैं, अथवा आप निचे दिए गए सभी पॉइंट्स को भी पढ़ के जान सकते हैं।
10 LAWS AND RIGHTS OF MANAV ADHIKAR:
1. INDIAN SARAIS ACT (1887)
भारतीय सरिऊष अधिनियम (1887) के तहत कोई होटल आपको फ्री में पानी पीने और वॉशरूम का इस्तेमाल करने से नहीं रोक सकता, चाहे वह 3 STAR होटल हो या 5 STAR।
2. MOTOR VEHICLES ACT (1988)
मोटर वाहन एक्ट (1988) सेक्शन 185 – 202 के तहत ड्राइविंग के दौरान यदि आपके 100 ब्लड में एल्कोहोल का लेवल 30mg से ज्यादा मिलता हैं, तो पुलिस बिना वारंट आपको गिरफ्तार कर सकती हैं।
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3. MATERNITY BENEFIT ACT (1961)
मातृत्व लाभ अधिनियम (1961) के तहत कोई भी कंपनी गर्वती महिला को नौकरी से नहीं निकाल सकता।
4. INDIAN PENAL CODE (166A)
भारतीय दण्ड संहिता (166 A) के तहत पुलिस अफसर F.I.R लिखने से मना नहीं कर सकता, यदि कोई ऐसा करता हैं तो उसे 6 महीने से 1 साल तक की सज़ा हो सकती है।
5. DOMESTIC VIOLENCE ACT (2005)
घरेलू हिंसा अधिनियम (2005) के तहत यदि 2 बयस्क लड़का लड़की अपनी मर्जी से लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो ये गैर कानूनी नहीं हैं।
6. POLICE ACT (1861)
पुलिस एक्ट (1861) के तहत एक पुलिस अधिकारी हमेशा अपनी ड्यूटी पर होता है, यदि उसने यूनिफॉर्म नहीं भी पहना है, तब भी वह पीड़ित को मदद के लिए मना नहीं कर सकता।
7. INDIAN PENAL CODE
भारतीय दण्ड संहिता के तहत यदि आप किसी पब्लिक प्लेस पर अस्लिल गतिविधि करते पाए जाते हैं, तो फिर आपको 3 महीने तक की सज़ा हो सकती है।
8. MOTOR VEHICLES AMENDMENT BILL (2006)
मोटर वाहन संशोधन विधेयक (2006) के तहत यदि आपका किसी दिन चालान काट दिया गया हो तो फिर उसी दिन दुबारा उसी अपराध के लिए आपका चालान नहीं काटा जा सकता।
9. INDIAN PENAL CODE DECENCY (SECTION 498)
भारतीय दण्ड संहिता व्यविचार धारा 498 के तहत कोई भी शादी शुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाता हैं, तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
10. PARISHIMA ACT (1963)
परिशिमा अधिनियम (1963) के तहत यदि आपको ऑफिस आपको सैलरी नहीं देता तो आप उसके ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।
READ MORE : About Manav Adhikar on Wikipedia
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my pleasure…
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